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रात के सारे ग्यारह बजे बालकनी के बाहर कोई खड़ा था तुम, देख के सहिं गई की कौन हो सकता है।
यहां इतनी रात को मुझे डर लगने लगा। मुझे भूत जैसा कुछ लग रहा था।
वो अचानक से खिरकी से अंदर आया और मेरे कपड़े निकाल के मुझे चोदने लगा और वो जल्दी जल्दी से दस मिनट के अंदर चुदाई करके चला गया।
ऐसे ही अगले दिन रात के सारे ग्यारह बजे वो फिर आया और क्या क्या हुआ आगे सुने।
हेलो मेरे प्यार चुदकर दोस्तों तो तैयार हो जाये अपने लन को पकर के और चूत में चारो उंगलियां डाल के कहानी का पूरा मजा ले।